रविवार, 11 अक्तूबर 2020

स्वस्थ जीवनशैली के आसान उपाय ; Easy way to healthy lifestyle

पाठक मित्रों आपको आज के इस प्रदूषित वातावरण,अनियमित जीवनशैली,मिलावटी खानपान एवं अवसाद आदि के कारण स्वयं के या अपनों के स्वास्थ्य की चिंता सदैव होती रहती होगी और आप सोचते होंगे की यदि समय रहते कुछ ऐसा कर लें कि हमारे स्वास्थ्य पर उपरोक्त कारकों का कोई दुष्प्रभाव ना पड़े तो खास आपके लिए आज की इस पोस्ट में ऐसे ही कुछ छोटे-छोटे परन्तु प्रभावशाली उपायों के बारे में बताया जा रहा है जिनको अपनाकर आप एक स्वस्थ एवं निरोगी काया के साथ अपने जीवन का आनंद ले सकते हैं , तो मित्रों इन उपायों को अपनाकर हम भविष्य में आने वाली कई गंभीर तथा घातक बिमारियों से न केवल स्वयं को अपितु अपने सम्बन्धियों,परिचितों तथा मित्रों को भी जागरूक करके बचा सकते हैं.....

अंग्रेजी में एक कहावत है "Prevention is better then cure" अर्थात् "रोकथाम इलाज से बेहतर है", और ऐसा संभव है केवल हमारी प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में......... 

तो आइये जानते हैं ऐसी ही कुछ छोटी छोटी बातों को जिनको अपनाकर आप एक स्वस्थ एवं निरोगी जीवन जी सकते हैं.......

कैंसर होने का भय लगता हो तो रोज़ाना कढ़ीपत्ते या मीठा नीम का रस पीते रहें।


हार्टअटैक का भय लगता हो तो रोज़ना अर्जुनासव या अर्जुनारिष्ट पीते रहिए।



बबासीर होने की सम्भावना लगती हो तो पथरचटे के हरे पत्ते रोजाना सबेरे चबाकर खाएँ।


किडनी फेल होने का डर हो तो हरे धनिये का रस प्रात: खाली पेट पिएँ।
पित्त की शिकायत का भय हो तो रोज़ाना सुबह-शाम आंवले का रस पिएँ।
सर्दी-जुकाम की सम्भावना हो तो नियमित कुछ दिन गुनगुने पानी में थोड़ा सा हल्दी चूर्ण डालकर पिएँ।
गंजा होने का भय हो तो बड़ की जटाएँ कुचलकर नारियल के तेल में उबालकर छान कर रोज़ाना स्नान के पहले उस तेल की मालिश करें।

दाँत गिरने से बचाने हों तो फ्रिज और वॉटर कूलर का पानी पीना बंद कर दें तथा ब्रश करने के पूर्व हल्दी के चूर्ण से दांतों की मालिश करें
डायबिटीज से बचाव के लिए तनावमुक्त रहें, व्यायाम करें, रात को जल्दी सो जाएँ, चीनी नहीं खाएँ, गुड़ का सेवन करें

किसी चिन्ता या डर के कारण नींद नहीं आती हो तो रोज़ाना भोजन के दो घन्टे पूर्व 20 या 25 मि. ली. अश्वगन्धारिष्ट ,200 मि. ली. पानी में मिलाकर पिएँ

किसी बीमारी का भय नहीं हो तो भी -- 15 मिनिट अनुलोम - विलोम, 15 मिनिट कपालभाती, 12 बार सूर्य नमस्कार करें

प्रिय पाठकों स्वयं के और अपनों के स्वास्थ्य के लिए हम इतना तो कर ही सकते हैं और हाँ इस पोस्ट को अधिक से अधिक लाइक और शेयर अवश्य करें तभी तो अन्य लोग भी इस जानकारी का लाभ उठा सकेंगे
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