गुरुवार, 26 अप्रैल 2018

सह्याद्रि पर्वतमाला के हिल स्टेशन ; Hill Station of Sahyadri Mountains



भारत के पश्चिमी घाट के साथ-साथ  चलने वाली सह्याद्री एक सुन्दर हरी-भरी पर्वत श्रृंखला है, जो कई अनछुए गांवों, हिल स्टेशन और अन्य खूबसूरत स्थलों का घर मानी जाती है, यह अपनी जैव-विविधता के लिए भी दुनियाभर में प्रसिद्ध है। पश्चिमी घाट अपनी प्राकृतिक सुन्दरता से विश्व भर के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है,इस पश्चिमी घाट का अधिकांश हिस्सा महाराष्ट्र राज्य के अंतर्गत है। इगतपुरी की शांत घाटियों से लेकर महाबलेश्वर की धुंधली सुबह तक महाराष्ट्र के सभी बेहतरीन हिल स्टेशन आपके मस्तिष्क पर अपनी छाप जरूर छोड़ देंगे। यहां के सौन्दर्य  को देख आपके भीतर का कवि अवश्य जाग जायेगा । आज इस खास लेख में जानिए महाराष्ट्र के उन चुनिंदा सबसे खास हिल स्टेशन के बारे में जहाँ आप इन तेज गर्मियों के दौरान घूमने का कार्यक्रम बना सकते हैं।


माथेरान

खूबसूरत हरी सह्याद्री पहाड़ियों की पृष्ठभूमि के साथ, माथेरान मुंबई के नजदीक सबसे सुंदर और शांत हिल स्टेशनों में गिना जाता है। यहां चलने वाली ठंडी हवा सैलानियों को उत्साहित करने का काम करती है। यहां का वातावरण काफी ताजगी भरा है। जानकारी के लिए बता दें कि माथेरन महाराष्ट्र का एकमात्र इको-फ्रेंडली हिल स्टेशन है जिसे पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसके अलावा यह हिल स्टेशन भारत का एकमात्र ऑटोमोबाइल मुक्त हिल स्टेशन है। आप यहां ट्री हिल पॉइंट, इको प्वाइंट, अलेक्जेंडर प्वाइंट, और प्रबल किला की सैर कर सकते हैं इसके अलावा आप यहां ट्रेकिंग और लंबी पैदल यात्रा का भी रोमांचक आनंद ले सकते हैं।

इगतपुरी

इगतपुरी हिल स्टेशन मुंबई और पुणे के मध्य एक शानदार स्थल  है। आत्मिक और मानसिक शांति के लिए यह स्थान काफी आदर्श माना जाता है। यहां आपको कई ऐसी ध्यान-यौगिक क्रियाएं कराने वाली संस्थाएं मिल जाएंगी, जिसने जुड़कर आप अपनी आत्मा को शांति का अनुभव करा सकते हैं। यहां की मनमोहक जलवायु, खूबसूरत घाटियां, जल प्रपात और प्राचीन किले इगतपुरी को महाराष्ट्र का एक खूबसूरत हिल स्टेशन बनाने का काम करते हैं। मुंबई के रास्ते आप यहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं। आप यहां हाइकिंग और ट्रेकिंग जैसे रोमांचक एडवेंचर का आनंद भी से सकते हैं।


महाबलेश्वर

महाबलेश्वर महाराष्ट्र के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशनों में गिना जाता है। यहां अकसर मुंबई और पुणे के सैलानी वीकेंड का आनंद उठाने के लिए आते हैं। महाबलेश्वर पुणे के काफी नजदीक है अगर आप यहां आना चाहते हैं तो पुणे के रास्ते यहां तक पहुंच सकते हैं। यहां बहुत से प्वाइंट्स मौजूद है जहां से आप प्राकृतिक सुंदरता का आनंद जी भरकर उठा सकते हैं। केट प्वाइंट, एलिफेंट प्वाइंट, वेना झील, चाइनामैन झरना और कनॉट पीक यहां के चुनिंदा सबसे खास गंतव्य माने जाते हैं। यहां से आप कुष्णा नदी के उद्गम स्थल को भी देख सकते हैं जो ओल्ड महाबलेश्वर के महादेव मंदिर के पास स्थित है। आप यहां माउंटेन बाइकिंग, रॉक क्लाइंबिंग, नेचर ट्रेल्स, घुड़सवारी आदि एडवेंचर का आनंद भी उठा सकते हैं।

पंचगनी

पंचगनी को स्थानीय भाषा में 'पांच पहाड़ियों की भूमि' कहा जाता है। यह खूबसूरत हिल स्टेशन पुणे शहर से लगभग 100 किमी दूर स्थित है। पंचगनी महाराष्ट्र के सबसे शांत और आकर्षक पर्वतीय गंतव्यों में गिना जाता है। यहां की मनमोहक पहाड़ियां आबोहवा, ऐतिहासिक सुंदरता व घने जंगल सैलानियों को काफी उत्साहित करने का काम करते हैं। आप यहां से सह्याद्री के अद्भुत दृश्यों का भी आनंद उठा सकते हैं। घने जंगलों के बीच भीलर और लिंगमाला झरनों की खूबसूरती देखने लायक है। आप यहां साइकिलिंग, स्थानीय जगहों में शॉपिंग, राजपुरी गुफाओं में केव हाइकिंग, ट्रेकिंग आदि गतिविधियों का रोमांचक आनंद ले सकते हैं।

कोरोली

उपरोक्त स्थानों के अलावा आप महाराष्ट्र के कोरोली हिल स्टेशन के भ्रमण का प्लान भी बना सकते हैं। राज्य के बाकी हिल स्टेशनों की भांति कोरोली उतना प्रसिद्ध पहाड़ी गंतव्य नहीं है पर यहां की प्राकृतिक खूबसूरती का कोई जवाब नहीं। आप यहां आकर खूबसूरत घाटियों, हरे-भरे मैदानों और मनमोहक जलवायु का आनंद उठा सकते हैं। ऑफबीट वेकेशन मनाने के लिए यह हिल स्टेशन एक आदर्श गंतव्य माना जाता है। कोरोली हाइकर्स, ट्रेकर्स, प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए जन्नत से कम नहीं। नासिक के रास्ते आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। प्राकृतिक खूबसूरती के अलावा आप यहां ट्रेकिग का रोमांचक आनंद भी ले सकते हैं। आप यहां से त्रंबकेश्वर मंदिर और भंडारदरा जल प्रपात को देखने भी जा सकते हैं।

महाराष्ट्र के हिल स्टेशनों की बात चल रही हो तो आप खंडाला और लोनावाला को कैसे भूल सकते हैं, आइये इन दोनों स्थलों के बारे में भी विस्तार से जान लेते हैं

लोनावाला और खंडाला


महाराष्ट्र के प्रसिद्ध रमणीक स्थल एवं पर्वतीय नगर खंडाला तथा लोनावला मुंबई−पुणे राजमार्ग पर स्थित है। सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला के पश्चिम घाट में मोर घाट की उतराई पर खंडाला एवं लोनावला पर्वतीय स्थल महाराष्ट्र के सैलानियों में खासे प्रसिद्ध है। फिल्म 'गुलाम' के गीत आती क्या खंडाला, के बाद से तो इस स्थल की लोकप्रियता देशव्यापी हुई है और यहां दूर−दूर से लोग आने लगे हैं। खंडाला लोनावला के मुकाबले छोटा किंतु शांत स्थल है। वर्षा ऋतु की प्रथम फुहार के बाद खंडाला का नैसर्गिक सौंदर्य अत्यंत मनोहारी हो जाता है। पर्वत श्रृंखलाओं से छोटे झरने तथा झुके हुए बादल नैसर्गिक शोभा को मनमोहक एवं नयनाभिराम बना देते हैं। यह स्थान शांत वातावरण के कारण स्वास्थ्य लाभ के लिए भी उपयुक्त माना जाता है। यहां पर विश्राम गृहों, धर्मशालाओं, सेनिटोरियम आदि की भरमार है। अप्रैल माह से वर्षा आगमन तक यहां का तापमान ठीक ठाक रहता है। लोनावला की पर्वत श्रृंखलाएं पर्यटकों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केन्द्र हैं। लवर्स प्वाइंट, टाइगर्स लीप, हार्स शू वैली, डीप प्वाइंट जैसे अनेकों दर्शनीय स्थल यहां पर हैं। साथ ही आप भुसी डेम तथा भुसी लेक भी देखने जा सकते हैं। भूसी बांध के अंत में जब जल प्रपात नदी से मिलने के लिए नदी की ओर ऊपर से नीचे गिरता है तो उसकी ध्वनि व सुंदर दृश्य सैलानी निहारते ही रह जाते हैं। लोनावला की गुफाएं भी अद्वितीय हैं। खासकर कारला और भाजे तथा बेडसा जैसी पुरातन गुफाएं तो खासा महत्व रखती हैं। कारला गुफा अत्यंत पुरातन एवं ऐतिहासिक गुफा है। इसका निर्माण ईसा से 160 वर्ष पहले का माना जाता है। कारला गुफा में भारतवर्ष की विशालतम चैत्य गुफा का समावेश है। यहां पर बुद्धकालीन स्थापत्य कला चरम सीमा पर है। इस गुफा में खंभों पर बनाई गई अनेक कलाकृतियां स्थापत्य कला का बढ़िया उदाहरण हैं। साथ ही यहां पर काष्ठ से बना एक मंदिर भी है जिसकी आकृति कैथेड्रल से मिलती है। यहां पर भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा भी है। भाजे गुफा लोनावला से बारह किलोमीटर दूर है। भाजे गुफा में 18 गुफाओं का समावेश है तथा 12 नंबर की गुफा सर्वश्रेष्ठ है। इसमें 13 खंभे हैं तथा 14 स्तूप हैं जो बुद्धकालीन हैं। यहां अनके विहार भी बने हुए हैं जो उपदेश एवं धार्मिक कार्यों के उपयोग में आते थे। वेडसा गुफा सुपति पर्वत पर स्थित है। यहां पर दो गुफाएं हैं। इन गुफाओं का निर्माणकाल सम्भवतः प्रथम शताब्दी का है। गुफा के एक ओर स्त्री−पुरुष एवं पशुओं के सुंदर एवं मनमोहक भित्तिचित्र हैं। नारी अपने संपूर्ण श्रृंगार के साथ अश्व पर सवार है।अन्य स्तंभों पर भी इसी प्रकार की चित्रकारी है। यह गुफा 30 फुट चौड़ी तथा 45 फुट गहरी है। कारला से ही तीनों गुफाओं पर जाने की व्यवस्था है। महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम द्वारा यहां पर रहने व खाने के लिए रिसोर्ट एवं होटल भी बनाये गये हैं। मुंबई से पुणे जाते समय सड़क एवं रेल मार्ग द्वारा खंडाला प्रथम तथा लोनावला द्वितीय पड़ाव पड़ते हैं। दोनों नगरों में पांच किलोमीटर की दूरी है। मुंबई से सड़क मार्ग द्वारा खंडाला 99 किलोमीटर तथा लोनावला 104 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा रेल मार्ग द्वारा यह दूरी 123 किलोमीटर एवं 128 किलोमीटर की है।

तो मित्रों कैसी लगी आपको यह जानकारी, आशा है आप इसका लाभ अवश्य उठाएंगे, कृपया अपने comments के माध्यम से हमे सुझाव जरुर दें ताकि हम आपको आगे भी ऐसी ही जानकारियाँ उपलब्ध करवा सकें........

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

PLEASE DO NOT ENTER ANY SPAM LINK IN THE COMMENT BOX